हर विद्यार्थी अपना बेहतर कैरियर बनाने का सपना देखता है। कई विद्यार्थी कम पढ़ाई कर जल्दी नौकरी करते हैं या फिर कई विद्यार्थी ज्यादा वक्त देकर अच्छे पद पर नौकरी करने की सोचते हैं।
अगर आप पीएचडी कोर्स करना चाहते हैं तो आज के आर्टिकल में हम आपको पीएचडी कोर्स के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
यह एक हाई लेवल कोर्स होता है, तो आइए आपको बताते हैं कि इस कोर्स के लिए कितना समय लगता है और भी कई अन्य बातों की जानकारी देते हैं।
पीएचडी की फुल फॉर्म क्या है? (phd ka full form in hindi)
क्या आप जानते हैं पीएचडी की फुल फॉर्म क्या होती है अगर नहीं तो आईये हम आपको बताते हैं। पीएचडी की फुल फॉर्म होती है डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी। इसका मतलब होता है कि जिस सब्जेक्ट में आपने अकादमिक पाठ्यक्रम में पढ़ाई की है, उनमें से किसी एक सब्जेक्ट का चयन करना होता है और उस पर अच्छे से रिसर्च करनी होती है।
पीएचडी कोर्स कितने साल का होता है? (phd ka course kitne saal ka hota hai)
सबसे पहले बात करते हैं कि पीएचडी कितने साल की होती है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पीएचडी कोर्स 3 साल की होती है। जिसमें 6 सेमेस्टर होते हैं।
इसको पूरा करने के लिए 6 साल का समय दिया जाता है, वैसे तो पीएचडी कोर्स की अवधि हर जगह पर अलग-अलग होती है क्योंकि यह पूरी तरह से इंस्टिट्यूट और सिलेबस पर ही निर्भर करता है।
पीएचडी करते समय यह सुविधा भी दी जाती है कि आप 3 साल से लेकर 6 साल तक इस कोर्स को कभी भी खत्म कर सकते हैं। इस कोर्स को करने में हमें हर टॉपिक के विषय में डिटेल से रिसर्च करना होता है। जिससे हमारा जड़ मजबूत हो जाता है और बहुत ही आसानी से किसी भी टॉपिक की सभी समस्याओं को हल करने में सक्षम भी हो जाते हैं।
पीएचडी करने में 6 साल का समय क्यों लग जाता है? (phd kerne me 6 saal kyu lagta hai in hindi)
कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि पीएचडी करने में 6 साल का समय क्यों लग जाता है, तो आइए हम आपको इस बात की जानकारी देते हैं।
इसका कारण यह है कि इस दौरान आपको अपने टॉपिक पर अच्छी तरह से रिसर्च करनी होती है। इसके लिए आपको लोगों के बीच भी जाना पड़ सकता है और रिसर्च करने का काम बिल्कुल भी आसान नहीं होता है।
इसके लिए बहुत सारी चीज जैसे डाटा इत्यादि इकट्ठा करना पड़ता है, ताकि बेहतर से बेहतर रिजल्ट दे सके फिर इसकी थीसिस लिखनी भी जरूरी होती है।
थिथिस की अगर बात की जाए तो यह कम से कम 75 से 80000 शब्दों की होती है, इसीलिए इस पर अच्छी तरह से रिसर्च और लिखने के लिए पूरा समय लगता है इसीलिए इसका समयावधि ज्यादा होती है।
पीएचडी करने के लिए आवश्यक योग्यताएं (phd karne ke liye qualification)
पीएचडी करने के लिए कुछ जरूरी योग्यताएं होती है जो हर नागरिक में होनी बहुत ही जरूरी है। जैसे कि-
- सबसे पहले विद्यार्थी को अपना ग्रेजुएशन पूरा करना होगा।
- इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन में कम से कम 55% नंबर होना अनिवार्य है।
- पीएचडी करने के लिए आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को लगभग 5% की छूट मिलती है।
- सभी यूनिवर्सिटी कि परसेंटेज में थोड़ा बहुत अंतर भी होता है।
- पीएचडी करने के लिए कोई भी उम्र सीमा निर्धारित नहीं है।
- इसी के साथ आप अपने मास्टर के सब्जेक्ट में भी पीएचडी कर सकते हैं, अगर आप ऐसा करना चाहते हैं, तो कर सकते है।
इसी के साथ कुछ क्वालिटी होना भी बहुत ज्यादा जरूरी होता है। जैसे कि आपकी पढ़ाई में अच्छी रूचि होनी चाहिए क्योंकि पी एच डी का एग्जाम साधारण नहीं होता है। इसमें बहुत ज्यादा पढ़ाई की जरूरत होती है। अगर आपका किताबों में मन नहीं लगता है तो इसकी पढ़ाई आपके लिए बहुत ही ज्यादा कठिन हो सकती है।
इसी के साथ आप में धैर्य होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। पीएचडी में कम से कम 3 साल लगते हैं इसीलिए सोच समझकर ही पीएचडी करनी चाहिए।
पीएचडी करने के लिए किस प्रकार एडमिशन ले सकते हैं?
अब बात होती है कि पीएचडी में किस प्रकार एडमिशन लिया जाता है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सबसे पहले इसमें आपको एंट्रेंस का एग्जाम देना होता है। इसमें UGC NET का सबसे पहला नाम होता है। इसी के साथ साइंस के विद्यार्थी CSIR UGC NET का एग्जाम देते हैं।
इसके बाद एक और एग्जाम होता है जिसे GATE कहते हैं। अगर आप इंजीनियरिंग से जुड़े हुए सब्जेक्ट में पीएचडी करना चाहते हैं तो यह एग्जाम देना जरूरी होता है।
इसके अलावा कुछ यूनिवर्सिटी और इंस्टिट्यूट ऐसे होते हैं जो अपनी तरफ से प्रवेश परीक्षा लेते हैं। जब आप का एंट्रेंस पास हो जाता है उसके बाद इंटरव्यू होता है, जो कैंडिडेट सेलेक्ट होते हैं उनको पीएचडी में एडमिशन मिल जाता है।
कुछ यूनिवर्सिटी ऐसी होती हैं जो एग्जाम क्लियर करने पर डायरेक्ट एडमिशन भी दे देती हैं, परंतु यह एग्जाम बहुत ही ज्यादा मुश्किल होते हैं इसके लिए आपको बेहतरीन मेहनत की जरूरत होती है।
जब आपका सिलेक्शन हो जाता है तब एक गाइड या सुपरवाइजर के अंदर आपको पीएचडी करनी होती है। वह आपको गाइडलाइन कोर्स की सारी जानकारी इत्यादि देता है जिसके मुताबिक आपको स्टडी करनी होती है।
इसके अलावा आपको सेमिनार में भाग लेना भी अनिवार्य होता है। आपने रिसर्च पेपर पब्लिश भी करने होते हैं और कई तरह की अकादमी गतिविधियां भी होती है जिन का हिस्सा बनना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है।
पीएचडी का फीस स्ट्रक्चर
आइए अब बात करते हैं कि पीएचडी की फीस कितनी होती है। अक्सर लोगों का यही मानना है कि यह काफी मुश्किल और हाई लेवल की पढ़ाई होती है, इसीलिए इसकी महंगी हो सकती है परंतु ऐसा कुछ भी नहीं है।
अगर सरकारी कॉलेज की बात की जाए तो सरकारी कॉलेज से पीएचडी करने के सालाना 20 से ₹25000 का खर्च आता है। इसी के साथ पीएचडी के दौरान आपको कम से कम ₹30000 महीना का स्टाइपेंड भी मिलता है।
वहीं अगर प्राइवेट कॉलेज की फीस की बात की जाए तो इसका सालाना खर्च लगभग डेढ़ लाख से ₹200000 तक का होता है।
पीएचडी करने के बाद करियर के लिए बेहतर ऑप्शन
पीएचडी करने में इतनी मेहनत लगती है उतना ही मीठा इसका फल भी होता है, क्योंकि पीएचडी करने में काफी लंबा समय लगता है। परंतु इससे आपका भविष्य उज्जवल हो सकता है पीएचडी करने के बहुत सारे फायदे होते हैं।
पीएचडी करने के बाद यूनिवर्सिटी और कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम किया जा सकता है और आगे जाकर प्रोफेसर तक बन सकते हैं।
इसके अलावा पीएचडी करने के बाद जॉब और सैलरी आपके सब्जेक्ट पर निर्भर करती है, कि आपने किस सब्जेक्ट में पीएचडी की है। जैसे कि साइंस सब्जेक्ट के लोग रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेक्टर में काम कर सकते हैं।
लॉ सब्जेक्ट से पीएचडी करने वाले लीगल फर्म ज्वाइन कर सकते हैं। साहित्यिक से जुड़े हुए कैंडिडेट मीडिया साहित्य अकादमी इत्यादि संस्थान से जुड़ सकते हैं।
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वही पीएचडी करके आप लगभग 5 से 1000000 सालाना सैलरी शुरुआत में आराम से कमा सकते हैं। बाकी योग्य और अनुभवी लोगों के लिए तरक्की की कोई सीमा निर्धारित नहीं होती है।
पीएचडी करने के बेनिफिट
आईये अब आपको बताते हैं कि पीएचडी करने के क्या-क्या फायदे होते हैं। जी हां, बिल्कुल पीएचडी करने के बहुत सारे फायदे होते हैं। जैसे कि-
- आपने जिस सब्जेक्ट से पीएचडी की है आप उसके एक्सपर्ट बन जाते हैं।
- अगर आपने NET या GATE क्लियर कर लिया है तो पीएचडी करते हुए आपको स्टाइपेंड भी मिलता है।
- इसी के साथ आपके रिसर्च भी इंटरनेशनल लेवल के पेपर में छप सकते हैं। जिसके जरिए आप को दुनिया भर में अच्छी खासी पहचान मिल सकती है।
- पहचान मिलने के बाद आपको देश विदेश में काम करने का मौका आराम से मिल सकता है।
- पीएचडी करने के बाद आप अपने नाम के पहले डॉक्टर लिख सकते हैं।
- मास्टर की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद जरूरी नहीं कि पीएचडी की जाए। इसके लिए आप थोड़ा समय का गैप रख सकते हैं क्योंकि पीएचडी करने के लिए कोई भी उम्र सीमा निर्धारित नहीं होती है।
- सबसे अच्छा फायदा यह होता है कि पहले आप एक जॉब कर सकते हैं। इसके जरिए आपको अच्छा खासा एक्सपीरियंस मिल जाता है। इसके बाद जॉब से थोड़ा ब्रेक लेकर आप आराम से पीएचडी कर सकते हैं।
- इस तरह से आपके पास अपनी जॉब में तरक्की और सैलरी बढ़ाने के बहुत सारे ऑप्शन उपलब्ध होते हैं और इसके जरिए आपको अच्छे रास्ते भी मिल जाते हैं।
- वहीं अगर महिलाओं की बात की जाए तो महिलाओं को पीएचडी के दौरान मातृत्व अवकाश मतलब की मेटरनिटी लीव लेने की छूट भी मिलती है।
पीएचडी कितने साल का कोर्स है? – FAQ
पीएचडी का कोर्स कितने समय अवधि का होता है?
पीएचडी करने के लिए 3 से 6 साल का समय लगता है।
पीएचडी करने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
पीएचडी करने के लिए पोस्ट ग्रेजुएट होना अनिवार्य है जिसमें 55% अंक होने चाहिए।
क्या पीएचडी कोर्स करने की फीस अधिक होती है?
प्राइवेट के मुकाबले सरकारी में फीस कम होती है, अन्यथा प्राइवेट में भी इसकी फीस अधिक नहीं होती है।
पीएचडी करने के बाद करियर ऑप्शन कौन-कौन से उपलब्ध होते हैं?
पीएचडी करने के बाद यूनिवर्सिटी और कॉलेज में प्रोफेसर जैसे पद पर निर्धारित किए जा सकते हैं।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने आपको पीएचडी कितने साल का कोर्स होता है (phd kitne saal ka course hota hai), इसके लिए क्या करें और क्या ऑप्शन होते हैं, इसकी फीस, योग्यता इत्यादि के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा। आप अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।